हुनर
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- जिस हुनर को देख कर लोग खुशी के शोर मचा रहे थे,
- आज वही हुनर तुम पर होकर गुजरी तो दुःख का शोर मचा रहे हो।
- जब किसी के गुनाहों की सजा हम अपने हाथों से देने लगे समझ जाना कि हमने भी एक ग़ुनाह किया। हर बार मुँह नहीं बोलता कभी- कभी वक्त और हुनर दोनों ही बोलते हैं।
- - Manojavam Classes (Manoj)*
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