विश्व टाइपिंग दिवस
आज आधुनिक युग में हमें सबसे ज्यादा कंप्यूटर की सहायता, टाइपराइटर की सहायता लेनी पड़ती है हम जानते है कि इसके बिना हमारा जीवन अधुरा है क्योंकि जब लोगों के पास टाइपराइटर नहीं थे तो उस समय लोग हाथों से लिखा करते थे क्योंकि उनके पास एक ही साधन था जो पेन पेपर या दीवारों पर लिखना ज्यादा धरती पर लिखना पत्थर पर लिखना कपड़े पर लिखना इस तरह से लिखना बहुत पुराने समय से चलता आ रहा है लेकिन आज जो हम लिखना चाहते हैं वह हम सिर्फ पन्नों पर दर्ज करके नहीं रखना चाहते वह हम भविष्य में आने वाले पीढ़ियों को भी बताना चाहते हैं और इस तरह लिखना चाहते हैं जिससे कि यह लिखावट कहीं विलुप्त ना हो इस बात से हम आपको यह बताना चाहते हैं की बहुत पहले जो हमारे पूर्वज जो हमारे इतिहास में लिखा गया उसमें जो लिखावट है वह हमारा इतिहास पन्नों के बीच कुछ पाए कुछ पन्नोंको हम ढूंढ रहे हैं कुछ पन्नों के बारे में कुछ नहीं पता कुछ पन्नों को दबा दिया गया कुछ को जला दिया गया इसलिए हम चाहते हैं कि इस तरह से रखा जाए ताकि आने वाली पीढ़ी को इसे ढूंढने के लिए कागजों या घर और कार्यालय में न जाना पड़े इसे आप इस तरह से लिख करके रखें जो हर समय हर जगह उपलब्ध और इसके लिए हमें सबसे पहले जरूरी होता है ।
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