सृष्टि के अद्भुत रहस्य क्या - क्या हैं?

सृष्टि के अद्भुत रहस्य क्या - क्या हैं?



यह प्रकृति रहस्यों से भरी हुई है  पश्चिमी देशों में आमतौर पर रहस्य को हिन दृष्टि से देखा जाता है पूर्व में रहस्य का सम्मान किया जाता है और उन्हें पवित्र माना जाता है विज्ञान रहस्यों की गहराई तक जाता और अध्यात्म रहस्यों का सम्मान करता है विज्ञान और अध्यात्म दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं दोनों का उद्देश्य एक ही है तकनीकी मनुष्यों का जीवन आरामदायक बनाती  है यदि आध्यात्मिक और मानवीय गुणों पर ध्यान न दिया जाए तो तकनीकी विकास जीवन में भय और विनाश ला सकता है मानवीय गुणों के बिना तकनीकी प्रकृति को निर्जीव समझती है विज्ञान से प्राकृतिक जीवन को समझने में सहायता मिलती है और आध्यात्म से प्रकृति  जीवंत हो जाती है । बच्चों की दृष्टि से देखें तो उनके लिये यहां कुछ भी निर्जीव नहीं है- जानवर, पेड़, सूरज और चांद, सभी में जीवन है। परंतु किसी तनावग्रस्त, अज्ञानी व्यक्ति की दृष्टि से देखे तो मनुष्य भी रोबोट जैसे हो जाते हैं । यदि विज्ञान या अध्यात्म से आपमें विस्मय या भक्ति का भाव नहीं जगा तो आप गहरी नींद में हैं। सृष्टि के रहस्य में डूबना भक्ति है। उसे स्वीकार करन से सम्मान देने से वह रहस्य प्रकर हो जाता है, और पवित्रता का उदय होता है। यह साष् सृष्टि एक रहस्य है। सृजन का कार्य रहस्यमय तरीके से होता है। यह प्रकृति का स्वभाव है । रात्रि में, प्रकृति पूरी दुनिया को अँधेरे से ढ़क देती हैं, और सुबह फिर से उजाला कर देती है । एक बीज बहुत ही रहस्यमय ढंग से मिट्टी में रह कर अंकुरित  होता है। एक बार अंकुर फूट पड़ा तो वह बाहर आ जाता है। उसी तरह जड़ मिट्टी में बहुत गहरी जाती है। एक पेड़ जितना लंबा होता है, उसकी जड़ भी उतनी ही गहरी होती है। एक ज्ञानी व्यक्ति किसी रहस्य को छुपाने का प्रयास नहीं करता है, और ना ही उसे प्रकट करने का प्रयास करता है । किसी पांच साल के बच्चे से आप जन्म या मृत्यु के रहस्य की बात नहीं करते हैं, पर जैसे - जैसे बच्चे बड़े होते हैं, वे यह रहस्य स्वाभाविक रूप से जान जाते है। तकरी में पांच ऐसे रहस्य हैं जो बहुत पवित्र हैं, और सूक्ष्म रूप से देवता उनकी रक्षा करते है- जन्म रहस्य - जन्म एक रहस्य है । एक आत्मा जैसे शरीर धारण करती है, जिस तरह से जन्म स्थान , जन्म का समय, शरीर का प्रकार, माता - पिता चुनती है, यह सब एक रहस्य है। मृत्यु का रहस्य - मृत्यु का रहस्य बहुत गुप्त हैं। प्राण से शरीर का अलग होना और उसके बाद की यात्रा एक रहस्म है। राज रहस्य - सृष्टि की व्यवस्था और उसने संचालन का नियम एक रहस्य हैं। प्रकृति रहस्य - प्रकृति एक रहस्य है। आप जितना अधिक प्रकृति के बारे में जानते है, वह और अधिक रहस्यमयी होती जाती है। वैज्ञानिक ढंग से प्रकृति के रहस्यों को जानने वाले वैज्ञानिक ये पाते हैं कि जितना वे जानते हैं, उससे कहीं अधिक रहस्य खुलने बाकी रह जाते हैं। वे अनुभव करते हैं कि अभी और बहुत कुछ जानना बाकी है । विज्ञान में पार्टिकल, वेव फंक्शन, बैक होल, वैक्यूम अवस्था, इत्मादि के बारे में जानने से प्रकृति के रहस्य और गहरे हो गये हैं। मंत्र रहस्य - मंत्र और उनके प्रभाव यह सब रहस्य है। मंत्र, चेतना से निकल हुई एक दिव्य तरंग है, और चेतना स्वयं ही एक रहस्य है। जब आप किसी चिह्न स्थान, समय, व्यक्ति या प्रक्रिया को पवित्र समझते है तो आपका ध्यान कहीं बंटता नहीं है, वह पूर्ण रहता  है । जब एक ही प्रक्रिया बार - बार करते हैं तब आपको उसकी पवित्रता कुछ कम लगने लगती है,  आपका ध्यान बंट जाता है। प्रक्रियाओं की पुनरावृत्ति से तमस का उदय होता है, आपकी चेतना, स्मृति के प्रभाव में आ जाती है और सजगता घट जाती है । वर्तमान क्षण में जीने से और आध्यात्मिक साधना करने से हम अपने जीवन में पवित्रता के भाव को जीवित रखते हुये जीवन के रहस्य को जीते हैं । जो व्यक् व्यक्ति इस अद्भुत स्टष्टि को देख विस्मित नहीं होता है, उसकी आंखें अभी खुली नहीं है। इस सृष्टि में क्या रहस्यमय नहीं हैं? जन्म एक रहस्य है; मृत्यु भी रहस्य है, जीवन सबसे बड़ा रहस्य है। इस सृष्टि और जीवन के रहस्म में पूरी तरह डूब जाना समाधि है ।

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